आखिरी दिनों में अकेले रह गई थीं अचला सचदेव, देखभाल करने वाला नहीं था कोई, बेटे ने भी तोड़ लिया था रिश्ता

Achala Sachdev Life: हिंदी सिनेमा में कई अभिनेत्रियां रही हैं जिन्हें देखकर ऐसा लगता है कि मां का किरदार जैसे उनके लिए ही बना हो। उन्हीं में से एक अभिनेत्री थीं अचला सचदेव। उन्होंने उस दौर में काम करना शुरू किया जब फिल्मों में लड़कियों का काम करना अच्छा नहीं माना जाता था। इसके बावजूद अचला ने पूरे ग्रेस के साथ एक्टिंग की दुनिया में पहचान बनाई। चकाचौंध से भरी दुनिया में बहुत बार देखने को मिलता है कि कलाकारों को अंतिम वक्त में अकेले दिन गुजारने पड़े। अचला के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था।

रेडियो से की शुरुआत
अचला का जन्म 3 मई 1920 में ब्रिटिश इंडिया के पेशावर (अब पाकिस्तान) में हुआ था। 4 बहनों में वो सबसे छोटी थीं। बहुत कम उम्र में उनके पिता का निधन हो गया और उनकी मां ने चारों बेटियों की परवरिश की। आर्थिक दिक्कतों के चलते अचला ने जल्दी ही काम करना शुरू कर दिया था। उन्होंने पहले ऑल इंडिया रेडियो लाहौर में काम किया। फिर बंटवारे के बाद परिवार दिल्ली आ गया तो उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो दिल्ली ज्वॉइन किया।

Achala Sachdev

कैसे मिला पहला रोल
अचला रेडियो में फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यू किया करती थीं। जान पहचान बढ़ी तो उन्हें फिल्मों में रोल मिलने लगे। पहले अचला को फिल्मों में छोटे किरदार मिलते थे। फिर 1950 में आई फिल्म ‘दिलरूबा‘ में वो देव आनंद की बहन बनीं। लोगों ने उन्हें बहन के रोल में इतना पसंद किया कि इसके बाद उन्हें इसी तरह के रोल मिलने शुरू हो गए।

इन फिल्मों में किया काम
अचला ने बहुत सी फिल्मों में बहन और मां के रोल निभाए। इनमें ‘फुटपाथ‘, ‘मिस मेरी‘, ‘संगम‘ और ‘दिल एक मंदिर‘ है। 1965 में रिलीज हुई फिल्म ‘वक्त‘ से अचला को बड़ी पहचान मिली। फिल्म का गाना ‘ऐ मेरी जोहरा जबीं‘ उन्हीं पर फिल्माया गया। आज भी यह गाना लोग भूले नहीं हैं।

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सभी बड़े एक्टर्स के साथ किया काम
फिल्म ‘वक्त‘ की सफलता के बाद अचला ने लगभग सभी बड़ी एक्टर्स के साथ काम किया। उन्होंने करीब 250 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। करीब 70 दशक तक वो सक्रिय रहीं। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती गई उन्होंने फिल्में कम कर दीं। उनकी आखिरी फिल्म 2001 में आई ‘कभी खुशी कभी गम थी‘ जिसमें वो अमिताभ बच्चन की मां और शाहरुख खान की दादी के किरदार में थीं।

निजी जिंदगी की खास बातें
अचला ने दो शादियां की थीं। उन्होंने पहली शादी डायरेक्टर ज्ञान सचदेव से की। उनका एक बेटा ज्योतिन सचदेव है। जो अब अमेरिका में शिफ्ट हो गया है। कुछ सालों बाद अचला और ज्ञान का तलाक हो गया। उन्होंने दूसरी शादी मैकेनिकल इंजीनियर क्लिफॉर्ड डगलस पीटर्स से की। इसके बाद अचला पुणे शिफ्ट हो गई थीं क्योंकि उनके पति की फैक्ट्री वहां पर थी। दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे।

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इस तरह दूसरे पति से मिलीं
अचला और पीटर के मिलने की कहानी भी कहानी फिल्मी थी। मुंबई में एक फिल्म के सेट पर यश चोपड़ा ने अचला को पीटर्स से मिलवाया था। उस समय पीटर की पहली पत्नी की मौत हो गई थी और अचला तलाकशुदा थीं। दोनों के बीच प्यार हुआ और उन्होंने शादी का फैसला किया था। हालांकि अभिनेत्री की किस्मत में ये खुशी भी ज्यादा समय तक रह नहीं पाई और पीटर की मौत हो गई।

आखिरी वक्त में रहीं अकेले
पति की मौत के बाद अचला अकेली रहती थीं। बेटे ने उनसे रिश्ता तोड़ लिया था। उनका कोई करीबी उनके साथ नहीं था। अकेलेपन की वजह से वो और कमजोर होती चली गईं। सितंबर 2011 में अचला एक दिन किचन में काम कर रही थीं तभी वो गिर पड़ीं और उनके पैर की हड्डी टूट गई। आस-पास के लोगों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने बताया कि उनके पूरे शरीर में पैरालिसिस हो गया। इससे उनके देखने की क्षमता भी चली गई। आखिरी दिनों में अचला एकदम अकेली थीं। करीब 6 महीने बीमारी से जूझने के बाद 30 अप्रैल 2012 को 91 साल की उम्र में उनका निधन हो गया।

 

 

 

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