Manoj Kumar: मनोज कुमार का शुक्रवार (4 अप्रैल) सुबह लंबी बीमारी के बाद मुंबई में निधन हो गया। वो 87 साल के थे। मनोज कुमार ने ‘उपकार‘, ‘रोटी कपड़ा और मकान‘, ‘पूरब और पश्चिम‘ और ‘क्रांति‘ जैसी देशभक्ति फिल्मों में काम किया। बाद में उन्हें ‘भारत कुमार‘ के नाम से जाना जाने लगा। प्रशंसक उन्हें इसी नाम से पुकारने लगे। एक पुराने इंटरव्यू में मनोज कुमार ने एक रोचक कहानी बताई कि आखिर उनका ये नाम किस तरह पड़ा था।
भारत कुमार नाम के पीछे का किस्सा
फिल्म ‘उपकार‘ में मनोज कुमार के किरदार का नाम भारत था। इस फिल्म को उन्होंने खुद डायरेक्ट भी किया था। अन्य कलाकारों में आशा पारेख और प्रेम चोपड़ा अहम रोल में थे। लहरें रेडियो से बात करते हुए मनोज कुमार ने भारत नाम को लेकर बताया था, ‘अक्सर जो अच्छा किरदार है उसका नाम वो रख देते हैं। तो मैंने सोचा कि भारत देश तो गांव में बसता है, किसानों का देश है तो उस किरदार का नाम भारत रख दूं और और उसकी जिंदगी खेतों से जुड़ा हुआ है, एक लड़की आती है, ऐसे आती है जैसे कोई झिलमिल करती हुई कविता, इसलिए लड़की का नाम कविता रख दिया।‘
लोगों ने दिया बेताहाशा प्यार
आगे मनोज कुमार ने कहा, ‘हमारे देश की पब्लिक इतनी दयालु है कि उनको कोई चीज ईमानदारी से भरी और अच्छी लगती है और सच्ची लगती है तो वो इतना प्यार और इज्जत देते हैं जो दुनिया में कोई नहीं देता। मैं तो सीधा-साधा लड़का था, आप लोगों ने भारत बना दिया।‘
करियर की खास बातें
मनोज कुमार ने 1957 में फिल्म ‘फैशन‘ से हिंदी सिनेमा जगत में कदम रखा। उसके बाद ‘सहारा‘ और ‘हनीमून‘ जैसी फिल्मों ने उन्हें स्टार बना दिया। मुख्य अभिनेता के रूप में उनकी पहली फिल्म ‘कांच की गुड़िया‘ थी।
बता दें मनोज कुमार लीवर संबंधी बीमारी से जूझ रहे थे। वो मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती थे।