Javed Akhtar on India Pak Situation: गीतकार और लेखक जावेद अख्तर ने शुक्रवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में हाल फिलहाल सुधार की संभावना कम है। उन्होंने कहा कि रिश्तों को ठीक करने का काफी समय निकल चुका है। जावेद अख्तर बेबाक तरीके से अपनी बात को रखने के लिए जाने जाते हैं। एक कार्यक्रम में पहुंचे 80 वर्षीय गीतकार ने कहा कि 1947 में बंटवारे के बाद दोनों देश सुलह करने का मौका चूक गए। बंटवारे ने लाखों लोगों को विस्थापित किया और मानसिक रूप से आघात दिया।
‘सरकारों की पहल में कमी‘
जावेद अख्तर लेखिका भवाना सोमैया की किताब फेयरवेल कराची के विमोचन के मौके पर ये बातें कहीं। उन्होंने कहा, ‘अब सुलह के लिए समय काफी निकल चुका है। भारत में लोगों को केवल अपनी पीड़ा का पता था और पाकिस्तान में लोग अपनी परेशानियों से वाकिफ थे। अगर उस समय दोनों पक्ष एक साथ बैठकर अपनी कहानियां साझा करते तो शायद स्थिति अलग होती। अब 75 साल बाद उस दौर के लोग 90 की उम्र पार कर चुके होंगे। कितने लोग बचे होंगे?’
‘जल्द ठीक नहीं होंगे रिश्ते‘
जावेद ने सुझाव दिया कि 1950 के दशक में दोनों देशों की सरकारों को शरणार्थियों को एक मंच पर लाकर उनकी कहानियां सुननी चाहिए थीं। इससे दोनों पक्षों पर हुए अत्याचारों का पूरा सच सामने आता। उन्होंने कहा, ‘इससे हमें पता चलता कि किसके साथ क्या हुआ और कितने लोगों ने कितने जुल्म सहे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हाल फिलहाल में भी मुझे नहीं लगता कि राजनीतिक स्थिति में ज्यादा सुधार होगा।‘
‘पाक में करोड़ों लोग चाहते हैं भारत संग अच्छे रिश्ते‘
पहलगाम हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को और बढ़ा दिया। जावेद अख्तर ने पाकिस्तान में सेना, राजनीतिक पार्टियों और राइट विंग ग्रुप पर शांति की कोशिशों को बाधित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान में करोड़ों लोग भारत के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं। कुछ लोग असल में अच्छे हैं। वो भारत के विकास, सिनेमा, बिजनेस, आईटी और डेवलपमेंट से प्रभावित हैं। वहां का आम आदमी या स्टूडेंट्स भारत आकर इस दुनिया का हिस्सा बनना चाहता है लेकिन पाकिस्तान की सेना, राजनीतिक पार्टियां और राइट विंग के यह पक्ष में नहीं है।‘
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटक मारे गए। इस हमले के बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी शिविरों को नष्ट किया। भारत ने दावा किया कि पाकिस्तान के रिहायशी इलाकों और सेना के शिवरों को निशाना नहीं बनाया गया।
‘दूसरे देशों से अलग तरह की पाकिस्तानी सेना‘
जावेद अख्तर ने आगे कहा कि भारत ने कूटनीतिक और सांस्कृतिक स्तर पर संबंध सुधारने की कोशिश की लेकिन पाकिस्तान ने उतना उत्साह नहीं दिखाया। उन्होंने कहा, ‘हमारी सेना बहुत पेशेवर है। यह राजनीतिक नहीं है लेकिन पाकिस्तान में ऐसा नहीं है। लोग कहते हैं कि हर देश की एक सेना होती है लेकिन पाकिस्तानी सेना के पास एक देश है। यही अंतर है।‘
‘भारत का रुख कभी भी आक्रामक नहीं रहा‘
उन्होंने यह भी कहा कि भारत में बुरे लोग नहीं हैं, न ही हमने कभी गलत नहीं किया। बीते 70 सालों में भारत सरकार ने पाकिस्तान सरकार से बेहतर काम किया है। कश्मीर विवाद का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘कश्मीर में इतना बड़ा विवाद होने के बावजूद भारत ने कभी आक्रामक रुख नहीं अपनाया। कई लोग शिकायत करते हैं कि हम आक्रामक क्यों नहीं हैं लेकिन हम ऐसे नहीं हैं। आक्रामकता हमेशा दूसरी तरफ से रही है।‘