बॉलीवुड में सुपरस्टार्स के बारे में तो सबको याद रहता है लेकिन कई बार सपोर्टिंग किरदार निभाने वाले एक्टर्स अपनी एक्टिंग से जबरस्त छाप छोड़ जाते हैं। फिल्म में उनकी छोटी सी भूमिका में वो सबको याद रहते हैं। एक ऐसे ही एक्टर के बारे में बताते हैं जिन्होंने ना जाने कितनी ही फिल्मों में जान फूंक दी। उन्हें देखकर लगता ही नहीं था कि वो कोई एक्टिंग कर रहे हैं बल्कि ऐसा लगता था असल में भी वो ऐसे ही हैं। इस एक्टर का नाम राजेश विवेक है। उन्होंने फिल्म सेट पर ही अंतिम सांस ली।
कहां हुआ जन्म
राजेश विवेक का जन्म 30 जनवरी 1949 में उत्तर प्रदेश के जौनपुर में हुआ था। वो ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए। उनके पिता राज बहादुर उपाध्याय एक रजिस्ट्रार थे जबकि मां प्रेम कुमारी हाउस वाइफ थीं। राजेश विवेक का पूरा नाम राजेश विवेक उपाध्याय था।
एनएसडी में लिया एडमिशन
राजेश ने जौनपुर में ही पढ़ाई-लिखाई की। उन्होंने हिस्ट्री में एमए किया। उनके पिता चाहते थे कि वो भी उनकी तरह ही कोई सरकारी नौकरी करें लेकिन उन्हें 9 से 5 की नौकरी में रुचि नहीं थी। पिता के खिलाफ जाकर राजेश ने दिल्ली में नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एडमिशन ले लिया। उनके बैचमेट नसीरुद्दीन शाह और ओम पुरी जैसे दिग्गज एक्टर थे।
एनएसडी के दौरान राजेश ने कई नाटकों में हिस्सा लिया। इनमें ‘रजिया सुल्तान‘ और ‘कालीदासा‘ है। कई फिल्ममेकर्स ने नाटक में उनकी एक्टिंग देखी और तारीफ की।
श्याम बेनेगल ने दी पहली फिल्म
नाटक के दौरान राजेश की मुलाकात मशहूर डायरेक्टर श्याम बेनेगल से हुई। श्याम बेनेगल उन दिनों फिल्म ‘जुनून‘ की योजना बना रहे थे। 1979 में इस फिल्म में उन्होंने राजेश को एक छोटा सा रोल दिया। इसके बाद उन्होंने कुछ अन्य फिल्मों में काम किया लेकिन उन्हें 1988 में आई ‘वीराना‘ से सफलता मिली। इसमें राजेश ने एक तांत्रिक का निगेटिव रोल मिला।
इन फिल्मों में किया काम
‘वीराना‘ के बाद उन्होंने ‘जोशीले‘ में मुख्य विलेन की भूमिका की। राजेश ने संघर्ष जारी रखा और कुछ अन्य फिल्मों में काम किया जिनमें ‘त्रिदेव‘, ‘कफन‘ और ‘हातिमताई‘ है।
डायरेक्टर शेखर कपूर ने एनएसडी के दौरान राजेश के कई नाटक देखे थे और उनकी एक्टिंग पसंद आई थी। दोनों काफी अच्छे दोस्त थे। जब शेखर कपूर ‘बैंडिट क्वीन‘ बना रहे थे तब उन्होंने राजेश को एक दमदार रोल दिया। फिल्म हिट रही लेकिन इसके बाद भी राजेश को बहुत फायदा नहीं हुआ। वो फिल्मों में पूरी मेहनत से काम करते रहे।
’लगान’ का यादगार किरदार
इसके बाद राजेश ने ‘लगान‘, ‘स्वदेस‘ और ‘जोधा अकबर‘ की। ‘लगान‘ में उनके किरदार का नाम ‘गुरान‘ था। फिल्म में उनकी एक्टिंग आज भी सभी को याद है और उनकी पहचान ‘लगान‘ से बन गई। राजेश ने हिंदी के अलावा साउथ में भी फिल्में की हैं। साथ ही वो टीवी सीरियल में भी सक्रिय रहे। उन्होंने ‘महाभारत‘, ‘आहट‘ और ‘भारत एक खोज‘ में रोल निभाया।
निजी जिंदगी के बारे में
24 जून 1974 को राजेश ने शादी की। उनके 4 बच्चे हुए और आज सभी सेटल हैं। राजेश अपनी निजी जिंदगी में स्वास्थ्य पर काफी ध्यान देते थे। वो रोज योग और एक्सरसाइज करते थे। उनके लिए फिल्मों में काम करना केवल काम नहीं था बल्कि वो उसे जीते थे।
सेट पर हुई मौत
14 जनवरी 2016 को राजेश हैदराबाद में साउथ की एक फिल्म की शूटिंग कर रहे थे। वो अपने सीन का रिहर्सल कर रहे थे। सीन कुछ ऐसा था कि उन्हें डायलॉग बोलना था और जमीन पर गिर जाना था। उन्होंने रिहर्सल शुरू किया और डायलॉग बलोने के बाद जमीन पर गिर गए। पहले तो वहां मौजूद लोगों को लगा कि वो एक्टिंग कर रहे हैं। जब वो कुछ देर बाद भी नहीं उठे तो उन्हें उठाने की कोशिश की लेकिन उनकी मौत हो गई थी। उन्हें हार्ट अटैक आया था।